मुद्दा अत्याचार_ का है, बात स्त्री_ और पुरूष_ की न | हिंदी शायरी

"मुद्दा अत्याचार_ का है, बात स्त्री_ और पुरूष_ की नहीं! मुद्दा कानूनी निष्पक्षता_ का है, क्योंकि कानून किसी एक का नहीं! कुछ तो कमी या लापरवाही हुई होगी न्यायिक व्यवस्था में, वरना कोई बेकसूर मरता नहीं!! ©Shalini Nigam"

 मुद्दा अत्याचार_ का है,
बात स्त्री_ और पुरूष_ की नहीं!
मुद्दा कानूनी निष्पक्षता_ का है, 
क्योंकि 
कानून किसी एक का नहीं! 
कुछ तो कमी या लापरवाही हुई होगी 
न्यायिक व्यवस्था में, वरना कोई 
बेकसूर मरता नहीं!!

©Shalini Nigam

मुद्दा अत्याचार_ का है, बात स्त्री_ और पुरूष_ की नहीं! मुद्दा कानूनी निष्पक्षता_ का है, क्योंकि कानून किसी एक का नहीं! कुछ तो कमी या लापरवाही हुई होगी न्यायिक व्यवस्था में, वरना कोई बेकसूर मरता नहीं!! ©Shalini Nigam

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