न जाने कितने दिल उजड़ जाते है,
जब इश्क करने वाले बिछड़ जाते हैं।
सब को खुश रखने की कोशिश में,
जितने भी करो जतन कम पर जाते है।
पिंजरे के पक्षी भला कब अपने हुए,
जब खुले पिंजरे तो उर जाते है।
अगर धागा हो कमजोर विश्वास का,
पुराने भी हो रिश्ते टूट जाते है।
©meri_diary(R*)
न जाने कितने दिल उजड़ जाते है,
जब इश्क करने वाले बिछड़ जाते हैं।
सब को खुश रखने की कोशिश में,
जितने भी करो जतन कम पर जाते है।
पिंजरे के पक्षी भला कब अपने हुए,
जब खुले पिंजरे तो उर जाते है।