पक्षपात आज हम सभी एक साक्षर भारत के नागरिक हैं,
यहां हर दिन एक नया काबिल इंसान अपनी
काबिलियत को साथ लिए हर पहर चलता हैं।।
कहीं अपनों का अपमान मिलता है,
कहीं हर पक्षपात की रैली,
मैं अभी थका नहीं,
मैं अभी रुका भी नहीं।।
पक्षपात करना हैं,
उचित अनुचित में करो,।।
क्योंकि मैं भी ज़रा जिद्दी हूं
पक्षपात की बेड़ी से,
कसने वाली नहीं हूं।।
©feelndspeak🎙️🎤
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