जब से बसे श्याम मोरे मन में भावे ना मोहे सूरत कोई | हिंदी शायरी

"जब से बसे श्याम मोरे मन में भावे ना मोहे सूरत कोई दूजा चंचल नयन करे मोहे घायल मुरली की धुन पर तिरकत हैं पाऊं और चनकत हैं मोर पायल ©{** श्री....,, **}"

 जब से बसे श्याम मोरे मन में 
भावे ना मोहे सूरत कोई दूजा चंचल नयन 
करे मोहे घायल
मुरली की धुन पर तिरकत हैं पाऊं और 
चनकत हैं मोर पायल

©{** श्री....,, **}

जब से बसे श्याम मोरे मन में भावे ना मोहे सूरत कोई दूजा चंचल नयन करे मोहे घायल मुरली की धुन पर तिरकत हैं पाऊं और चनकत हैं मोर पायल ©{** श्री....,, **}

#Krishna #Love #true खूबसूरत दो लाइन शायरी

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