झिड़कना मत,झिड़कने से कोई अपना नहीं रहता,
और झिड़कियों में कोई हमसाया भी नहीं रहता है//१ जरदारो से मिलने में जरा तुम फासला रखना,
जहां गागर मिले सागर में,वहा गागर नही रहता है//२ तेरा नगर तो,अंदाज ए हवस वाला है,मेरे
गर में भी,अब कफस नही रहता है//३
वो अदु फिर मेरे जख्म को हरा करने का दावा करता है
,कह दो कोई
उसे,मेरा मरहम अब तदबीर का मुदावा नही रखता है//४ इश्क इक महक है,जो पाकीजा रूह में बसता है,
कोई बशर हिज्र में भी तन्हा नही रहता है//५
शमा का चिराग तो सोया है,शहर ए खामोशा में,
मै ऐसी अजीब मां हुं,जिसका बेटा जिंदा नहीं रहता//६
shama writes beha
©shama writes Bebaak
झिड़कना मत,झिड़कने से कोई अपना नहीं रहता,और झिड़कियों में कोई हमसाया भी नहीं रहता है//१
*जरदारो से मिलने में जरा तुम फासला रखना,जहां*गागर*सागर में मिले,वहा गागर नही रहता है/२*अमीर*छोटे जलाशय*समुद्र
तेरा नगर तो,अंदाज ए हवस वाला है,मेरे नगर में भी,अब *कफस नही रहता है//३*पिंजरा
वो*अदु फिर मेरे जख्म को हरा करने का दावा करता है,कह दो कोई उसे,मेरा मरहम अब*तदबीर का*मुदावा नही रखता है//४*दुश्मन*उपाय*अपील