बड़ी मिठास है तुम्हारी ज़ुबान में,
शहद घोलती हो यार तुम कान में।
ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ छाने लगी है,
जब से आई हो दिल के मकान में।
बे-जान हो चली थी ज़िंदगी यार की,
तेरे आने से आई जान अब जान में।
ढल रही है जवानी पर कोई गम नहीं,
बहार बन के आई हो मेरी दास्तान में।
खो गया था 'उजाला' जहाँ की भीड़ में,
तू मिली तो चमकने लगा आसमान में।
©अनिल कसेर "उजाला"
#Love
ज़ुबान में