खो देने का डर, और पा लेने की ख्वाइश न रही.... जि | हिंदी शायरी

"खो देने का डर, और पा लेने की ख्वाइश न रही.... जिंदगी को अब किसी से रुसवाई न रही... @njiii.... ©@ngel.."

 खो देने का डर, और पा लेने की ख्वाइश न रही....

 जिंदगी को अब किसी से रुसवाई न रही...
@njiii....

©@ngel..

खो देने का डर, और पा लेने की ख्वाइश न रही.... जिंदगी को अब किसी से रुसवाई न रही... @njiii.... ©@ngel..

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