निकल पाऊँ मैं कैसे उस असर से महकते फूल झड़ते हैं न | हिंदी शायरी Video

"निकल पाऊँ मैं कैसे उस असर से महकते फूल झड़ते हैं नज़र से मोहब्बत के सफ़र के बा'द ख़ल्वत सफ़र आसान है पिछले सफ़र से गए थे उन से तर्क-ए-इश्क़ करने नज़र हट ही न पाई उस नज़र से दुपट्टे से वो मुँह ढाँके हुए हैं मोहब्बत हो गई Red कलर से ख़ुद अपने दिल से डर लगने लगा है कोई आवाज़ आती है उधर से....♥️ ©Navash2411 "

निकल पाऊँ मैं कैसे उस असर से महकते फूल झड़ते हैं नज़र से मोहब्बत के सफ़र के बा'द ख़ल्वत सफ़र आसान है पिछले सफ़र से गए थे उन से तर्क-ए-इश्क़ करने नज़र हट ही न पाई उस नज़र से दुपट्टे से वो मुँह ढाँके हुए हैं मोहब्बत हो गई Red कलर से ख़ुद अपने दिल से डर लगने लगा है कोई आवाज़ आती है उधर से....♥️ ©Navash2411

#नवश

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