श्रीमद्बभगवतगीता के पाठक को चाहिए की वह विश्वासी और श्रद्धावान यजमान बनकर बड़े गंभीर भाव से इस यज्ञ को किया करे और इसको परमेश्वर का पुण्यरूप परम पूजन ही समझे सत्य पथ को प्रदर्शित करने के लिए संसार भर में गीता एक अद्वितीय और अदभुत ज्योति स्तंभ है...
-वेद प्रकाश
©VED PRAKASH 73
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