Unsplash ढूंढती है निगाहें तुझको हर घड़ी मिला जाए | हिंदी शायरी

"Unsplash ढूंढती है निगाहें तुझको हर घड़ी मिला जाए जो कह दूं बात मन की पल उसी तेरे बिना जीना चाहा मगर जी न पाया लाश बन कर रह गया जनन न थीं मुझमें बाकी कहीं ©sushil."

 Unsplash ढूंढती है निगाहें तुझको हर घड़ी 
मिला जाए जो कह दूं बात मन की पल उसी 
तेरे बिना जीना चाहा मगर जी न पाया 
लाश बन कर रह गया 
जनन न थीं मुझमें बाकी कहीं

©sushil.

Unsplash ढूंढती है निगाहें तुझको हर घड़ी मिला जाए जो कह दूं बात मन की पल उसी तेरे बिना जीना चाहा मगर जी न पाया लाश बन कर रह गया जनन न थीं मुझमें बाकी कहीं ©sushil.

#leafbook {** राधा कश्यप **}

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