"कुछ बाते वो है , जिसे लफजो कि जरुरत ही नही....
कुछ यादे वो है, जिसे याद करणे कि जरुरत नहीं....
बहुत कुछ है कहेने, और सुनने को मगर
हर नजर,और नियत साफ नही....
सागर से भी घेहरी हो यादे...
जिसमे मगर तेरे सिवा कोई और ना हो...
दुर जाकर हि मिलेगी लहेरे किनारोसे...
वक्त के सायेसे तु , कभी तो अपना रुख मोडले...
चल आज फिर से जिने कि नयी तमन्ना ले....
तु सागर से भी गहेरी होकर बस अपनी
होकर कुछ बनले....
किसी और से नही अपनी होकर अपनो से प्यार कर ले.....
बस तु अपनी होकर,खुद से ही यारी निभाले...!!"
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_( pournima Sadavarte)
©pournima sadavarte
#Sawera