मुझे नाज़ है अपनी हाथों की लकीरों पर, जिसे पापा ने संवारा है।
दुनिया की भीड़ में मेरी उंगली पकड़ कर, पापा ने चलना सिखाया है।
जब भी कदम लड़खड़ाए मेरे, पापा ने थाम हाथ संभलना सिखाया है।
आज जो भी मैने पाया है, पापा के ही सपनो ने मुझे बनाया है।
वैसे तो आज पितृ दिवस है दुनिया के लिए, पापा होने का एहसास तो मेरे जन्म ने मुझे दिलाया है।
मुझे इस दुनिया में लाने के लिए दिल से शुक्रिया पापा🥰🥰🥰
Happy Father's day💞
©Vini