सभी खुशियां मना रहे थे, तो नौजवान आंसू बहा रहे थे। | मराठी कविता

"सभी खुशियां मना रहे थे, तो नौजवान आंसू बहा रहे थे। लोग घरों में बैठे थे, और नौजवान बमों से खेल रहे थे। किसी को किसी से मतलब नहीं था, और वे हिन्दूस्तान के लिए सोच रहे थे। लोग रंग-गुलाल लगा रहे थे, और नौजवान अपना फर्ज निभा रहे थे। दुश्मन उन्हें लड़ नहीं सकते थे, इसलिए छूप के वार कर रहे थे। नौजवान हमारे वीर क्रांतिकारी थे, और लड़ने वाले दूश्मन कायर थे। हंसते-हंसते वे शहिद हो गये, क्यो कि वे भारत माता के लाड़ले थे। आज याद उन्हें कर लो, वे पुलवामा घटना के देशभक्त थे।"

 सभी खुशियां मना रहे थे,
तो नौजवान आंसू बहा रहे थे।
लोग घरों में बैठे थे,
और नौजवान बमों से खेल रहे थे।
किसी को किसी से मतलब नहीं था,
और वे हिन्दूस्तान के लिए सोच रहे थे।
लोग रंग-गुलाल लगा रहे थे,
और नौजवान अपना फर्ज निभा रहे थे।
दुश्मन उन्हें लड़ नहीं सकते थे,
इसलिए छूप के वार कर रहे थे।
नौजवान हमारे वीर क्रांतिकारी थे,
और लड़ने वाले दूश्मन कायर थे।
हंसते-हंसते वे शहिद हो गये,
क्यो कि वे भारत माता के लाड़ले थे।
आज याद उन्हें कर लो,
वे पुलवामा घटना के देशभक्त थे।

सभी खुशियां मना रहे थे, तो नौजवान आंसू बहा रहे थे। लोग घरों में बैठे थे, और नौजवान बमों से खेल रहे थे। किसी को किसी से मतलब नहीं था, और वे हिन्दूस्तान के लिए सोच रहे थे। लोग रंग-गुलाल लगा रहे थे, और नौजवान अपना फर्ज निभा रहे थे। दुश्मन उन्हें लड़ नहीं सकते थे, इसलिए छूप के वार कर रहे थे। नौजवान हमारे वीर क्रांतिकारी थे, और लड़ने वाले दूश्मन कायर थे। हंसते-हंसते वे शहिद हो गये, क्यो कि वे भारत माता के लाड़ले थे। आज याद उन्हें कर लो, वे पुलवामा घटना के देशभक्त थे।

#Desh_ke_liye (14फरवरी)
##Govind KUMAR BANJARE

People who shared love close

More like this

Trending Topic