New Year 2024-25 बड़ी तलब लगी है साल की आखिरी रात | हिंदी कविता

"New Year 2024-25 बड़ी तलब लगी है साल की आखिरी रात है और आज भी तलब लगी है साल भर के कहे–अनकहे गाहे–बेगाहे,सुने–अनसुने साफ–साफ ओझल सफ़हे सारे उलट पलट कर देख रहा हूं अब की कहीं कोई टुर्रा बचा हो अधजला तो कश लगा लूं... बड़ी तलब लगी है पर जगह नहीं अब डायरी में। यह ऐशट्रे पूरी भर चुकी है ।। ©गीतेय..."

 New Year 2024-25 बड़ी तलब लगी है
साल की आखिरी रात है
और आज भी तलब लगी है
साल भर के कहे–अनकहे 
गाहे–बेगाहे,सुने–अनसुने 
साफ–साफ ओझल

सफ़हे सारे उलट पलट 
कर देख रहा हूं अब 
की कहीं कोई टुर्रा 
बचा हो अधजला
  तो कश लगा लूं...
बड़ी तलब लगी है

पर जगह नहीं अब डायरी में।
यह ऐशट्रे पूरी भर चुकी है ।।

©गीतेय...

New Year 2024-25 बड़ी तलब लगी है साल की आखिरी रात है और आज भी तलब लगी है साल भर के कहे–अनकहे गाहे–बेगाहे,सुने–अनसुने साफ–साफ ओझल सफ़हे सारे उलट पलट कर देख रहा हूं अब की कहीं कोई टुर्रा बचा हो अधजला तो कश लगा लूं... बड़ी तलब लगी है पर जगह नहीं अब डायरी में। यह ऐशट्रे पूरी भर चुकी है ।। ©गीतेय...

#Newyear2024-25

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