शीत लहरें कोहरे के बरस रहे बुंद बुंद पानी की फूहार | हिंदी कविता

"शीत लहरें कोहरे के बरस रहे बुंद बुंद पानी की फूहारें हैं। मस्त मौसम ठंडा सर्दी का महिना हैं ऊनी वस्त्र के पहनते कपड़े हैं।। ©Ghanshyam Ratre"

 शीत लहरें कोहरे के बरस रहे बुंद बुंद पानी की फूहारें हैं।
मस्त मौसम ठंडा सर्दी का महिना हैं ऊनी वस्त्र के पहनते कपड़े हैं।।

©Ghanshyam Ratre

शीत लहरें कोहरे के बरस रहे बुंद बुंद पानी की फूहारें हैं। मस्त मौसम ठंडा सर्दी का महिना हैं ऊनी वस्त्र के पहनते कपड़े हैं।। ©Ghanshyam Ratre

शीत ऋतु

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