"ये दिल अब यहां लगता नहीं
तुम ही समझाओ इस दिल को
कहो, अब हम क्या करें
रात को सपनों में, घूमने चला जाता है
हां रात को सपनों में घूमने चला जाता है
धड़कन ए भी थम सी जाती है
कहो, अब हम क्या करें
खुली आंखों में चांद ही चांद छा जाता है
खुली आंखों में चांद ही चांद छा जाता है
चांदनी भी थम सी जाती है
कहो ना ,अब हम क्या करें"