जीने से मरने तक का अब इंतजाम कर लिया हमने
इस दौलत के चक्कर में जिंदगी को शाम कर लिया हमने
और यू निकल गई जिंदगी हाथों से रेत की तरह भगत
ये पता ही नहीं चला की खुद को इतना बदनाम कर लिया हमनें
अब हमनें खुद को इस तरह खोल कर रख दिया इस जमाने में
की ये पता नहीं चला कि खुद को कितना सरेआम कर लिया हमनें
-ब्राह्मण सूरज पंडित🙏💕
©शिवांश भारतवासी
#जिंदगी की बात