White आओ समय के साथ घूमने चलते हैं,
चलो "खुद की तलाश" में निकलते हैं,
जीवन में कितने ही ख्वाब पलते हैं?
लेकिन ख्वाबों से परे हम स्थिति के अनुसार ढलते हैं।
जब मिलता हूं उन दिनों के मयंक से,
तो वो कहता है आओ बचपन में चलते हैं,
जो फूल खिले हुए थे उन दिनों,
तुम बिन बड़े मुरझाए हुए मिलते हैं।
"खुद की तलाश"में तो आज भी हैं,
लेकिन जब खुद से शून्य में मिलते हैं,
लगता है हमारा जीवन वो सूखा पेड़ है,
जिसके पर्ण यहां वहां बिखरे मिलते हैं।
©Mayank
#Sad_Status Topic "खुद की तलाश"🤗😁