जीवन *गणित* है सांसें *घटती* हैं अनुभव *जुड़ते* हैं | हिंदी शायरी

"जीवन *गणित* है सांसें *घटती* हैं अनुभव *जुड़ते* हैं। अलग अलग *कोष्ठकों* में बंद हम बुनते रहते हैं, *समीकरण* लगाते रहते हैं, *गुणा-भाग*। जबकि जीवन का अंतिम सत्य *शून्य है* 🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺 *🙏🌺सुप्रभात 🌺🙏* *🌹🌹🌹जय श्री राधे🌹🌹🌹* ©Dr Navneet Sharma"

 जीवन *गणित* है
सांसें *घटती* हैं
अनुभव *जुड़ते* हैं।

अलग अलग *कोष्ठकों* में बंद हम
बुनते रहते हैं, *समीकरण* 
लगाते रहते हैं, *गुणा-भाग*।

जबकि जीवन का अंतिम सत्य 
*शून्य है*

   🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

          *🙏🌺सुप्रभात 🌺🙏*
 *🌹🌹🌹जय श्री राधे🌹🌹🌹*

©Dr Navneet Sharma

जीवन *गणित* है सांसें *घटती* हैं अनुभव *जुड़ते* हैं। अलग अलग *कोष्ठकों* में बंद हम बुनते रहते हैं, *समीकरण* लगाते रहते हैं, *गुणा-भाग*। जबकि जीवन का अंतिम सत्य *शून्य है* 🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺 *🙏🌺सुप्रभात 🌺🙏* *🌹🌹🌹जय श्री राधे🌹🌹🌹* ©Dr Navneet Sharma

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