मर्द है तू रो नहीं सकता कहती दुनिया सारी है कोई उससे से पूछो जरा कि उसने ज़िन्दगी कैसे गुजारी है जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हुए हर पल मुस्कुराता है कोई उससे भी पूछो जरा तू दिल में क्या छुपाता है उमड़ आता है दिल में दर्द फिर भी आंसू छुपाता है अपनो की खातिर हर गम सह जाता है
©Rakhi Tomar
#Dard e dil