वो कहा करती थी
मेरे अफसाने है
हर गली में मेरे
दो चार दीवाने है
आज वर्षो बाद
मिली थी खटाल में
मैने भी पूछ लिया तब..
बोली पगली तब अब छोड़ो
अब सब बदल गया है
किस्मत गाय गोबर में सन गया है..
मेरी उत्सुकता जागी
मैने एक प्रश्न और दागी
कहां गए दीवाने जो मडराते थे?
मुस्कुराते हुए बोली आज भी सामने है
बस फर्क इतना है की
पहले मुझे दाना डाला करते थे
आज गायों को डाला करते हैं।
©लेखक ओझा
#hidenseek अब सब बदल गया है
किस्मत गाय गोबर में सन गया है।
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