शंकर लाल मेरे कोलेज के दिनों में छात्रों को कोई भी व्यक्ति परेशान करे तो मित्र तुम्हारा शंकर भाई है तो तुम्हें कोई भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है परंतु एक दिन शंकर भाई के साथ कुछ ऐसा हुआ कि इसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी और उसे कुछ लोग जबरदस्ती अपनी गाड़ी में पकड़ कर ले गए ठीक मेरे सामने की बात है मैंने बहुत कोशिश कि पर कुछ भी न कर सका मुझे बहुत अफसोस हुआ परन्तु एक दिन अचानक मैं किसी काम से मधुपुर गया तो एक ड्राइवर दिखा जो हु-ब-हु शंकर भाई कि तरह दिखाई देता था तो मैंने उसका पीछा और आगे चलकर गाडी रोकी एक चाय की दुकान पर जाकर बैठ गया इतने में मैं भी वहीं पहुंच गया तो मैंने कहा शंकर भाई कैसे हो और उसके मुंह से निकल गया ठीक हूं
और मुझे देख कर सकपका गया और बोला कौन शंकर मैं शंकर नहीं हूं
©राधिका प्रेमी
#और एक दिन अचानक वो @Anshu writer अरुण शुक्ल अर्जुन Lakshmi singh @Internet Jockey @Sukoon Ki Baat