जब देना चाहो किसी स्त्री को प्रेम तो छोड़ आना अपन | हिंदी लव

"जब देना चाहो किसी स्त्री को प्रेम तो छोड़ आना अपना अहंकार बाहर, चूमना उसके माथे को, कुछ भी ना समझाना उसे, बस हो सके तो सुनना, कोई प्रश्न ना पूछना, बस बाहों में भर लेना उसे... यही तो उम्मीद करती है वो तुमसे, गले लगो तो ऐसे... जैसे जिस्म नहीं, रूह ने रूह को चूम लिया हो... लगे उसे की तुम्हारा, साथ कितना खूबसूरत है...! फिर देखना कैसे वो, प्रेम का सागर बन... तुम्हे भिगो देगी “ प्रेम “ में... "जो तुम उसे देने आए थे"...!!!! ©Matangi Upadhyay( चिंका )"

 जब देना चाहो किसी स्त्री को प्रेम 
तो छोड़ आना अपना अहंकार बाहर, 
चूमना उसके माथे को, कुछ भी ना समझाना उसे, 
बस हो सके तो सुनना, कोई प्रश्न ना पूछना, 
बस बाहों में भर लेना उसे...

यही तो उम्मीद करती है वो तुमसे, 
गले लगो तो ऐसे... जैसे जिस्म नहीं, 
रूह ने रूह को चूम लिया हो...

लगे उसे की तुम्हारा, साथ कितना खूबसूरत है...!
फिर देखना कैसे वो, प्रेम का सागर बन...
तुम्हे भिगो देगी “ प्रेम “ में... 
"जो तुम उसे देने आए थे"...!!!!

©Matangi Upadhyay( चिंका )

जब देना चाहो किसी स्त्री को प्रेम तो छोड़ आना अपना अहंकार बाहर, चूमना उसके माथे को, कुछ भी ना समझाना उसे, बस हो सके तो सुनना, कोई प्रश्न ना पूछना, बस बाहों में भर लेना उसे... यही तो उम्मीद करती है वो तुमसे, गले लगो तो ऐसे... जैसे जिस्म नहीं, रूह ने रूह को चूम लिया हो... लगे उसे की तुम्हारा, साथ कितना खूबसूरत है...! फिर देखना कैसे वो, प्रेम का सागर बन... तुम्हे भिगो देगी “ प्रेम “ में... "जो तुम उसे देने आए थे"...!!!! ©Matangi Upadhyay( चिंका )

प्रेम का सागर ❤️
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