अयोध्या की गलियों में गूँजता एक नाम, उस नाम के बिन | हिंदी कविता Video

"अयोध्या की गलियों में गूँजता एक नाम, उस नाम के बिना सब कुछ था बेजान। राम का तिरस्कार जब अयोध्या ने किया, उनके भक्तों का दिल दर्द से भर गया। वनवास की राह पर जब राम चले गए, अयोध्या के लोगों ने उन्हें याद किया। उनकी वापसी का इंतजार हर दिल ने किया, पर उनके जाने का तिरस्कार ना भुला पाया। राम के दर्द को अयोध्या ने नहीं समझा, उनके जाने का अर्थ नहीं पहचाना। अब भी अयोध्या की रातों में, राम की यादें बसी हैं। उनके तिरस्कार की गूँज, अब भी सुनाई देती है। राम के भक्तों के दिल में, उनके लिए प्रेम अब भी जीवित है। ©Rounak kumar "

अयोध्या की गलियों में गूँजता एक नाम, उस नाम के बिना सब कुछ था बेजान। राम का तिरस्कार जब अयोध्या ने किया, उनके भक्तों का दिल दर्द से भर गया। वनवास की राह पर जब राम चले गए, अयोध्या के लोगों ने उन्हें याद किया। उनकी वापसी का इंतजार हर दिल ने किया, पर उनके जाने का तिरस्कार ना भुला पाया। राम के दर्द को अयोध्या ने नहीं समझा, उनके जाने का अर्थ नहीं पहचाना। अब भी अयोध्या की रातों में, राम की यादें बसी हैं। उनके तिरस्कार की गूँज, अब भी सुनाई देती है। राम के भक्तों के दिल में, उनके लिए प्रेम अब भी जीवित है। ©Rounak kumar

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