आपस तुम मिल के रहो, तुममें न कोई दंगा हो।
दिल न तुम्हारा गंदा हो, ईमान तुम्हारा चंगा हो।
इस देश के जमुना गंगा की तहजीब के खातिर ए लोगों,
एक हाथ में आबे जम जम तो दूसरे हाथ मे गंगा हो।
©Shah Alam Hindustani
आपस तुम मिल के रहो, तुममें न कोई दंगा हो।
दिल न तुम्हारा गंदा हो, ईमान तुम्हारा चंगा हो।
इस देश के जमुना गंगा की तहजीब के खातिर ए लोगों,
एक हाथ में आबे जम जम तो दूसरे हाथ मे गंगा हो।
✍️ Shah Alam Hindustani