खुदी मे बेखुदी मे दिल्लगी मे तन्हाई मे, वो बसा है | हिंदी शायरी

"खुदी मे बेखुदी मे दिल्लगी मे तन्हाई मे, वो बसा है हर शख्स कि गहराई में.. तू ढूँढ रहा है जिस खुदा को ऐ "मन" वो मिलेगा तुझे तेरी माँ की परछाईं में.. ©ManPreet SingH"

 खुदी मे बेखुदी मे दिल्लगी मे तन्हाई मे, 
वो बसा है हर शख्स कि गहराई में..

तू ढूँढ रहा है जिस खुदा को ऐ "मन" 
वो मिलेगा तुझे तेरी माँ की परछाईं में..
©ManPreet SingH

खुदी मे बेखुदी मे दिल्लगी मे तन्हाई मे, वो बसा है हर शख्स कि गहराई में.. तू ढूँढ रहा है जिस खुदा को ऐ "मन" वो मिलेगा तुझे तेरी माँ की परछाईं में.. ©ManPreet SingH

#माँ ❤️

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