✍️✍️ मुझे कुछ भ्रम ही खैर हो गया था या सहुलत से बै | हिंदी शायरी

"✍️✍️ मुझे कुछ भ्रम ही खैर हो गया था या सहुलत से बैर हो गया था ✍️✍️ वो महज दोस्त था अच्छे दिनों का हवा बदली तो गैर हो गया था ©writervinayazad"

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मुझे कुछ भ्रम ही खैर हो गया था
या सहुलत से बैर हो गया था
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वो महज दोस्त था अच्छे दिनों का
हवा बदली तो गैर हो गया था

©writervinayazad

✍️✍️ मुझे कुछ भ्रम ही खैर हो गया था या सहुलत से बैर हो गया था ✍️✍️ वो महज दोस्त था अच्छे दिनों का हवा बदली तो गैर हो गया था ©writervinayazad

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मुझे कुछ भ्रम ही खैर हो गया था
या सहुलत से बैर हो गया था
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वो महज दोस्त था अच्छे दिनों का
हवा बदली तो गैर हो गया था
#writervinayazad

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