बस उन्हें हमें समझने में कसर रह गई थोड़ी
कोई किसी के चले जाने पे मारता है थोड़ी
वो कसमें वो वादे वो यादें, रुलाती हैं, मर जानें भर का एहसास कराती हैं।
जान (जान) बनके दिल में रहती है
और तड़प इस कदर होती है के __ जान जाती है थोड़ी थोड़ी 😞😞
©Anup pandit