तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वो दौलत हो,
किस तरह छोड़ दूं तुम्हें जानां,
तुम मेरी जिंदगी की आदत हो,
है मेरी आरजू कि मेरे सिवा,
तुमको सब शायरों से वहशत हो,
किसलिए देखते हो आइना,
तुम तो ख़ुद से भी खूबसूरत हो।
दास्तां ख़त्म होने वाली है,
तुम मेरी आखिरी मुहब्बत हो।
©Hardik Lashkari
#MountainPeak