ਖ਼ਤ क्या खत उसने भी संभाला होगा, खोलके देखती होगी , | हिंदी Shayari Vid

"ਖ਼ਤ क्या खत उसने भी संभाला होगा, खोलके देखती होगी , कोशिश की होगी मेरी तरह जलाने की, फिर रुह को जलाकर खत संभाला होगा। गुलाब खत में रखा था शायद होगा अब भी, सुक्खा,बेजार मेरी तरह,उसको भी वक्त ने मेरी तरह मारा होगा। ©Happy "

ਖ਼ਤ क्या खत उसने भी संभाला होगा, खोलके देखती होगी , कोशिश की होगी मेरी तरह जलाने की, फिर रुह को जलाकर खत संभाला होगा। गुलाब खत में रखा था शायद होगा अब भी, सुक्खा,बेजार मेरी तरह,उसको भी वक्त ने मेरी तरह मारा होगा। ©Happy

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