टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं गीत नया गाता हूं # पुण्यतिथि ©ऋषभ राज Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto