कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में रोया.. अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का.. कोई भरोसे के लिए रोया.. कोई भरोसा कर के रोया.. ©Sukhraj Multani #JusticeForNikitaTomar Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto