कितनी चीजें थीं, कितनी बातें थीं, कितने लोग थे और कितनी ही यादें...
लिखनी थी कहानी और शब्द अनंत बह बन गये कविता।
"लेकिन"
//इक छोटा सा शब्द पर इसके बिना कोई बात पूरी नहीं होती।//
हमेशा की तरह इस बार भी कुछ नया और बहतरीन आपके सामने लेकर आया हूँ।
उम्मीद करता हूँ आप सभी को पसन्द आये।