ज्यादा खींचकर उलझाने से बेहतर है, ढील देकर जाने द | हिंदी Poetry

"ज्यादा खींचकर उलझाने से बेहतर है, ढील देकर जाने देना फिर चाहे वो पतंग हो या रिश्ता... ©Harshit Tyagi"

 ज्यादा खींचकर उलझाने से बेहतर है, 
ढील देकर जाने देना फिर चाहे वो पतंग  हो या रिश्ता...

©Harshit Tyagi

ज्यादा खींचकर उलझाने से बेहतर है, ढील देकर जाने देना फिर चाहे वो पतंग हो या रिश्ता... ©Harshit Tyagi

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