मैं सुबह था, वो दोपहर थी..
मैं एक बूंद सा वो पूरी लहर सी..
कैसे वो मुझमे ठहरती,
मैं गांव था,वो शहर थी,
मैं गांव था,वो शहर थी..💕✍
मैं गर्म सा,वो नर्म सी,
हाँ थी कभी हमदर्द भी,
कैसे वो मुझमे ठहरती,
मैं नीम था,वो पूरी शहद थी,
मैं नीम था,वो पूरी शहद थी..✍
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