White नीर बहै सरिता सुखदाई
लय से कविता कर्ण सुहाई
आवैं अतिथि अजिर खुशहाल
रिश्ता फूलै फलै ठठाय
गुरु की कृपा जब बन जाय ।
इड़ा,पिंगला और सुषुम्ना
बइठ के गावैं में मंगलचार
धरती होवे सारी कागज
समद बने अरु स्याही
सकल अरण्य की कलम बने
पर गुरु गुण लिखा न जाही।
©Ganesh Din Pal
#guru_purnima