यूं ना शराब को जीने का सहारा बनाते
अगर तुम हमारी ज़िंदगी में ठहर जाते
चल बसी हैं जीने की चाहतें इस दिल से
तुम होते तो ये दर्द रूह पे बोझ ना होते
काश के वक्त रहते कुछ मसले सुलझा लेते
अब यूं ना हकीकत से भाग रहे होते
सुकून के लम्हे होते मेरी आंखों में भी
अगर तुम ना मुझे अकेले छोड़ कर जाते
हम अंधेरों में भी रोशनी ढूंढ लेते
अगर ये हाथ तुम्हारे हाथों में होते
कैसी तन्हाई छोड़ गए हो तुम मेरे दिल में
तुम होते तो ज़िंदगी के सब अरमां मुकम्मल होते
©Meenu Dalal@185
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