जब मैंने हार्ट के मरीज अपने पिता जी को देखा तो मैं

"जब मैंने हार्ट के मरीज अपने पिता जी को देखा तो मैंने कैंसर से हारने की नही उसको हराने के लिए सोचा क्योकि आपकी ये बीमारी आपके अकेले कि नही होती इसके साथ आपका परिवार भी सफर करता है। मैं अपने कैंसर से लड़ी और जीती भी पर जब मैंने अपने पिता को कोमा में देखा तो मेरी खुशी गम में बदल गयी। बेटी के कैंसर का सदमा एक बाप बर्दास्त नहीं कर पाया। ©Anjali Verma"

 जब मैंने हार्ट के मरीज अपने पिता जी को देखा तो मैंने कैंसर से हारने की नही उसको हराने के लिए सोचा
क्योकि आपकी ये बीमारी आपके अकेले कि नही होती इसके साथ आपका परिवार भी सफर करता है।
मैं अपने कैंसर से लड़ी और जीती भी 
पर जब मैंने अपने पिता को कोमा में देखा 
तो मेरी खुशी गम में बदल गयी। बेटी के कैंसर का सदमा एक बाप बर्दास्त नहीं कर पाया।

©Anjali Verma

जब मैंने हार्ट के मरीज अपने पिता जी को देखा तो मैंने कैंसर से हारने की नही उसको हराने के लिए सोचा क्योकि आपकी ये बीमारी आपके अकेले कि नही होती इसके साथ आपका परिवार भी सफर करता है। मैं अपने कैंसर से लड़ी और जीती भी पर जब मैंने अपने पिता को कोमा में देखा तो मेरी खुशी गम में बदल गयी। बेटी के कैंसर का सदमा एक बाप बर्दास्त नहीं कर पाया। ©Anjali Verma

कैंसर से खुद को डराना नही बल्कि उसको हराना है। #CancerAwareness

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