खाली पेट निर्धन जीवन में कोई आश जगा जाते !
लॉकडाउन बढ़ाना ही था ...कुछ सलाह हमें भी दे जाते !
आज देश का गरीब सड़क पर है और नेता अपने आलीशान घरों में चैन की जिंदगी जी रहे हैं....... लोकतंत्रात्मक गणराज्य महज कहने को है.....
यहां पुलिस के अलावा नेताओं के बयान एकदम सफ़ेद झूठ की तरह हैं!