कृष्ण की प्यारी, वृषभानु दुलारी राधा जु सरकार
बृज की कुँज गलिन में जिनकौ ऊंचौ-सो दरबार
बाट-निहारूँ, तोहै पुकारूँ, मेरी नाव बीच मझधार
बरसाना वारी, भोली भाली, मेरा कर दे बेड़ा पार
जो भी आये, ध्यान लगाए, सब पा जाए, हरबार
मैं भी आऊँ, साथ में लाऊँ, सात लड़ी कौ हार
नित उठ ध्याऊँ, दर्शन पाऊँ, विनती बारंबार
©पूजा सक्सेना ‘पलक’
#श्रीराधा राधा कृष्ण के