मुस्कुराहट पर न जाओ
मेरे कद्रदानों...!
अभी सुलगते दिल.....और जलते धुएं...
का अल्फाजों में आना बांकी है...!!
उड़ेंगे धुंए जब अल्फाजों के....!
दिलों की सिलवटों का आना अब भी बांकी है.....!
होश में दिख रहा हु..अभी एक लौ के मानिंद...!
असीम जिंदगी का अब अल्फाजो के
तूफां में बिखरना बांकी है..!!
🎯 Thakur
©aseem anand