ज़िंदगी और जंग के बीच भुख की तड़प, दर दर भटकाने के | हिंदी Shayari

"ज़िंदगी और जंग के बीच भुख की तड़प, दर दर भटकाने के कसूरवार हैं! खुदा मेरा जानता है हमें, हम कल भी भुखे थे, आज भी भुख से बेहाल हैं..!!"

 ज़िंदगी और जंग के बीच भुख की तड़प,
दर दर भटकाने के कसूरवार हैं!
खुदा मेरा जानता है हमें,
हम कल भी भुखे थे,
आज भी भुख से बेहाल हैं..!!

ज़िंदगी और जंग के बीच भुख की तड़प, दर दर भटकाने के कसूरवार हैं! खुदा मेरा जानता है हमें, हम कल भी भुखे थे, आज भी भुख से बेहाल हैं..!!

#जिंदगी_आैर_जंग #भूख #Dhage
#Nojotofaimilly

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