जिंदगी भी क्या खूबसूरत झूठ है,
मौत भी क्या कड़वा सच है,
एक के होने से भी बेचैनी है,
एक आने से ही सुकून है
एक कुछ पल की मेहमान है,
तो एक हर पल ही गले लगाने को तैयार है।
ऐसी भी क्या मजबूरी है,
झूठ से है प्यार और सच से घृणा क्यूं है।
©Vishal Dubey
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