Dil Shayari मुसाफ़िर कल भी थी,, मुसाफ़िर आज भी हूं | हिंदी Poetry

"Dil Shayari मुसाफ़िर कल भी थी,, मुसाफ़िर आज भी हूं,, कल अपनों की तलाश में थी,, आज खुद अपनी तलाश में हूँ। ©vibha $ingh"

 Dil Shayari  मुसाफ़िर कल भी थी,,  मुसाफ़िर आज भी हूं,,
 कल अपनों की तलाश में थी,, आज खुद अपनी तलाश में हूँ।

©vibha $ingh

Dil Shayari मुसाफ़िर कल भी थी,, मुसाफ़िर आज भी हूं,, कल अपनों की तलाश में थी,, आज खुद अपनी तलाश में हूँ। ©vibha $ingh

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