तुमसे प्यार अब भी है
प्यार का इकरार भी है
मगर अब तुम पर हक जताने से
डर लगता है
तुम्हे अपनी ख्वाहिश
और तुम ही मेरी हकीकत हो
ये बताने से भी डर लगता है
तुमने सजाई दुनिया
तुमने ही मिटाई खुशियां
फिर ख्वाब नए सजाने से
डर लगता है
जब तुमने रुसवा किया
दिल तन्हा इस कदर रोया
अब प्यार वफा की
कसमें खाने से डर लगता है
कितनी खुशनुमा हुआ करती थी हर रात
जब हुआ करती थी तुमसे बात
मगर मत पूछो कैसे बिताई वो रात
छोड़ गए जब तुम साथ
अब तो रातें जागकर बिताने से डर लगता है
लौट तो आए हो तुम सनम
मगर अब पहले सा हक जताने से डर लगता है
तुम्हे अपना बताने से डर लगता है
©kavya soni
#tootadil