मजदूर दिवस वह तोडता पतथर मैं ने देखा ऊसे बालाघाट क | हिंदी कविता

"मजदूर दिवस वह तोडता पतथर मैं ने देखा ऊसे बालाघाट के पथपर वह तोडता पतथर मैं ने देखा। एक हाथ मे हथोडा पसीने से तरबतर मैं ने देखा ऊसे बालाघाट के पथ पर देवदास."

 मजदूर दिवस
वह तोडता पतथर
मैं ने देखा ऊसे बालाघाट
के पथपर
वह तोडता पतथर
मैं ने देखा।
एक हाथ मे हथोडा
पसीने से तरबतर
मैं ने देखा ऊसे बालाघाट
के पथ पर
देवदास.

मजदूर दिवस वह तोडता पतथर मैं ने देखा ऊसे बालाघाट के पथपर वह तोडता पतथर मैं ने देखा। एक हाथ मे हथोडा पसीने से तरबतर मैं ने देखा ऊसे बालाघाट के पथ पर देवदास.

#Morning

People who shared love close

More like this

Trending Topic