"जिस प्रकार
चंदन के वृक्ष पर साँप लिपटे रहते हैं....फिर भी वह अपनी शीतलता नहीं छोड़ता....ठीक उसी प्रकार कोई हमारे साथ कितना ही बुरा क्यों ना कर ले....हम अपनी सज्जनता नहीं छोड़ेंगे.....!!"
जिस प्रकार
चंदन के वृक्ष पर साँप लिपटे रहते हैं....फिर भी वह अपनी शीतलता नहीं छोड़ता....ठीक उसी प्रकार कोई हमारे साथ कितना ही बुरा क्यों ना कर ले....हम अपनी सज्जनता नहीं छोड़ेंगे.....!!