White आखिर क्यों ये शाम ऐसी है, लोगों की इस भीड़ म | हिंदी Shayari

"White आखिर क्यों ये शाम ऐसी है, लोगों की इस भीड़ में भी तन्हाई क्यों है? अकेला तो नहीं मैं सब है साथ यहां, पर शाम होते ही तेरी यादें अभी भी सताती क्यों है? ©Dear Alfaz"

 White आखिर क्यों ये शाम ऐसी है,
लोगों की इस भीड़ में भी तन्हाई क्यों है?
अकेला तो नहीं मैं सब है साथ यहां,
पर शाम होते ही तेरी यादें अभी भी सताती क्यों है?

©Dear Alfaz

White आखिर क्यों ये शाम ऐसी है, लोगों की इस भीड़ में भी तन्हाई क्यों है? अकेला तो नहीं मैं सब है साथ यहां, पर शाम होते ही तेरी यादें अभी भी सताती क्यों है? ©Dear Alfaz

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