जिये जो शान से
हम जिन्दगी वो जिन्दगानी है
वही तो इस जमाने में
सदा ही स्वभिमानी है
पंछी दम तोड़ देते है
जहाँ पर छोड़ कर उड़ना
हमेशा ही न चाहों का
यहाँ पर आसमानी है
बचाकर जो रखे
इज्जत सदा ही गैर से अपनी
कहा जाये यहाँ सच्चा वही तो खानदानी है
©VINAY PANWAR
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