शहीद
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घर से निकलकर
छोड़कर
पत्नी बच्चों का प्यार
परिवार का दुलार
खेत और खलिहान।
जाने को तैयार
बहुत दूर सीमाओं पर
देश की रक्षा करने हमारे जवान
जो नहीं सोचते दिन और रात
रखते हैं वतन को महफूज।
वतन ही उनका मजहब
वतन ही उनका ईमान
न्यौछावर करते हैं अपनी जान
करते दुश्मन से दो दो हाथ
जब खतरे में हो हिन्द।
सीने पर गोली खाकर
देते हैं देश को सुकुन की नींद
कहलाते हैं वो शहीद
ऋणी है सारा देश
करता उनको सलाम
मानता अपना अभिमान।
©vsdixit
©vs dixit
#शहीद